Thursday, March 17, 2016

Maine kaha usse


मैंने उससे एक इशारा किया,
उसने सलाम लिख के भेजा !
मैंने पूछा तुम्हारा नाम क्या है ?
उसेन चाँद लिख के भेजा!
मैंने पूछा तुम्हे क्या चाहिए ?
उसने सारा आसमान लिख के भेजा !
मैंने पूछा कब मिलोगे ?
उसने कयामत की शाम लिख के भेजा !
मैंने पूछा किस से डरते हो ?
उसने मोह्हब्बत का अंजाम लिख भेजा !
मैंने पूछा तुम्हे नफरत किस से है ?
उसने मेरा ही  लिख के भेजा 

No comments:

Post a Comment

Tu bhi nahi

 गलतियों से जुदा तू भी नहीं, मैं भी नहीं। दोनों इंसान हैं , खुदा तू भी नहीं,मैं भी नहीं...... गलतफहमियों ने कर दी दोनों में पैदा दूरियां  वर...