Sunday, October 14, 2018

Nasha dosti ka


तेरी दोस्ती में एक नशा है ,
तभी तो सारी   दुनियाँ हमसे खफा है !
ना  करो हमसे इतनी दोस्ती,
दिल है कि हमसे पूछे तेरी धड़कन कहाँ है !!

Thursday, August 30, 2018

Titli





कभी तितली को तरह, कभी सावन की तरह !

हमने चाहा है जिसे, टूटकर बचपन की तरह !!
मेरी गजले हसी जेवर है, वो पहने तो सही !
उसकी आवाज नज़र आयगी, दुल्हन की तरह !!
लब्ज और सुर का ये, रिश्ता भी अजब रिश्ता है !
चंद लम्हों की ये पहचान, बंधन की तरह !!
वो नज़र आये तो मैं , खुद को संवारू "!
वो हँसी साज है, मेरे लिए दर्पण की तरह !!

Tuesday, August 28, 2018

Rang



तुम्हारे गम से तोबा  कर रहा हूँ, 
ताज्जुब हैं , मैं ऐसा कर रहा हूँ !
कोई तितली निशाने पर नहीं है ,
मैं बस रंगो का पीछा कर रहा हूँ !!

Wednesday, August 22, 2018

किरदार


मोहब्बत की रवायत के मानी ,
खत्म कर दूंगा !
मैं इतना रोयुंगा आँखों का,
पानी खत्म कर दूंगा !
मुझे मालूम है "रस्क" तुम एक,
दिन किरदार बदलोगे !
मगर में उससे से पहले ही,
कहानी खत्म कर दूंगा !!

Sunday, July 15, 2018

तेरी आँखें तो मेरी हैं, मैं इन को रुलाऊँ कैसे.


टूट जाये न भरम होंठ हिलाऊँ कैसे..
हाल जैसा भी है लोगों को बताऊँ कैसे..

खुश्क आँखों से भी अश्कों की महक आती है ..
मैं तेरे ग़म को ज़माने से छुपाऊँ कैसे..

तू ही बता मेरी यादों को भुलाने वाले..
मैं तेरी याद को इस दिल से भुलाऊँ कैसे..

फूल होता तो तेरे दर पे सजा रहता..
ज़ख़्म ले कर तेरी दहलीज़ पे आऊं कैसे..

तू रुलाता है तो रुला मुझे जी भर के..
तेरी आँखें तो मेरी हैं, मैं इन को रुलाऊँ कैसे..

Friday, July 13, 2018

इन बाहों के घेरो से !




ना  जाने कब तुम मेरे ख्यालों से निकल कर ,
मेरे खवाबों में बस जाते हो ,
मैं तुम्हे सोचता ही रहता हूँ तन्हा तन्हा ,
और ना जाने तुम कब मुझे जुल्फों में कैद कर देते हो !
मैं तमाम उम्र क़ैद रहना चाहता हूँ ,इन जुल्फों में ,
ना जाने कब जुल्फों से निकाल  कर बाँहों में  घेर लेते हो ,
मुझे आजाद ना करो  इन बाहों के घेरो से !
मैं तमाम उम्र क़ैद रहना चाहता हूँ 
मुझे आजाद ना करो  इन बाहों के घेरो से !

Sunday, July 8, 2018

मैं वहीं पर खड़ा तुमको मिल जाऊँगा





मैं वहीं पर खड़ा तुमको मिल जाऊँगा,
जिस जगह जाओगे तुम मुझे छोड़ कर।
अश्क पी लूँगा और ग़म उठा लूँगा मैं,
सारी यादों को सो जाऊंगा ओढ़ कर ।।

जब भी बारिश की बूंदें भिगोयें तुम्हें
सोच लेना की मैं रो रहा हूँ कहीं,
जब भी हो जाओ बेचैन ये मानना
खोल कर आँख में सो रहा हूँ कहीं,
टूट कर कोई केसे बिखरता यहाँ
देख लेना कोई आइना तोड़ कर;
मैं वहीं पर खड़ा तुमको.......


रास्ते मे कोई तुमको पत्थर मिले
पूछना कैसे जिन्दा रहे आज तक,
वो कहेगा ज़माने ने दी ठोकरें
जाने कितने ही ताने सहे आज तक,
भूल पाता नहीं उम्रभर दर्द जब
कोई जाता है अपनो से मुंह मोड़ कर;
मैं वहीं पर खड़ा तुमको......

मैं तो जब जब नदी के किनारे गया
मेरा लहरों ने तन तर बतर कर दिया,
पार हो जाऊँगा पूरी उम्मीद थी
उठती लहरों ने पर मन में डर भर दिया,
रेत पर बेठ कर जो बनाया था घर
आ गया हूँ उसे आज फिर तोड़ कर;
मैं वहीं पर खड़ा तुमको.......

Thursday, June 7, 2018

Cofee



तेरे हाथ की ब्लैक कॉफी भी हमें मीठी लगती है !
जब तुम मुस्कुरा कर पीने को  कहते हो !!

Tu bhi nahi

 गलतियों से जुदा तू भी नहीं, मैं भी नहीं। दोनों इंसान हैं , खुदा तू भी नहीं,मैं भी नहीं...... गलतफहमियों ने कर दी दोनों में पैदा दूरियां  वर...