Tuesday, April 30, 2019

Sunday



एक चादर में लिपटे दो बदन 

एक तेरा हो एक मेरा हो
तेरी चांदनी में नहऊं मैं और 
हर तरफ बस अँधेरा हो 
एक चादर में लिपटे दो बदन 
एक तेरा हो एक मेरा हो


तेरे मखमली बदन में 

खुशबुओं के चमन में 
सदियों तक वो रात चले
सदियों दूर सवेरा हो
एक चादर में लिपटे दो बदन
एक तेरा हो एक मेरा हो


तेरे होंठों को सिल दूँ मैं

अपने होंठों के धागे से
एक सन्नाटे में ख़ामोशी से
तेरी बाँहों ने मुझको घेरा हो
एक चादर में लिपटे दो बदन
एक तेरा हो एक मेरा हो


दोनों लिपटें एक दूजे से

गांठ सी लग जाये जिस्मों में
मेरे जिस्म में घर मिल जाये तुझे
तेरे जिस्म में मेरा बसेरा हो
एक चादर से लिपटे दो बदन
एक तेरा हो एक मेरा हो


आज मन कहता है की कुछ ऐसा हो

तू बन जाये मैं
मैं बन जाऊं तू
बिस्तर पर तेरे सिवा सिर्फ जूनून और 
ख़ामोशी का डेरा हो
एक चादर में लिपटे दो बदन
एक तेरा हो एक मेरा हो

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