Friday, April 4, 2025




मै अश्क़ हूँ

मेरी आँख तुम हो...


मै दिल हूँ

मेरी धडकन तुम हो...


मै जिस्म हूँ

मेरी रूह तुम हो...


मै जिंदा हूँ

मेरी ज़िन्दगी तुम हो...


मै साया हूँ

मेरी हक़ीक़त तुम हो...


मै आइना हूँ

मेरी सूरत तुम हो...


मै सोच हूँ

मेरी बात तुम हो...


मै मुकमल हूँ

"मन" जब मेरे साथ तुम हो...


Wednesday, April 2, 2025

तुमसे ज्यादा

 



कुछ गहरा सा लिखना था , 

"इश्क़" से ज्यादा क्या लिखूं..!


कुछ ठहरा सा लिखना था ,

"दर्द" से ज्यादा क्या लिखूं..!


कुछ समन्दर सा लिखना था ,

"आँसू" से ज्यादा क्या लिखूं..!


अब जिन्दगी लिखनी है ,

"मन" तुमसे  ज्यादा क्या लिखूं..!

Tuesday, April 1, 2025

कब तक

 



मैं नहीं जानता इस दुनिया में कब तक हूं,

लेकिन जब तक हूं "मन" सिर्फ तेरा हूं!!

Friday, March 28, 2025

वजह



"मन" आओ मिलकर कोई वजह ढूढ ले 

अपने एक होने की 

यु बिखरे बिखरे, 

ना तुम  अच्छे लगते हो, और ना ही  मैं 

Akhbar




"मन"  

वो गौर से अखबार को पढ़ते रहे 
     
ओर उनको मैं

Thursday, March 27, 2025

दायरे

 


दोनों मजबूर थे अपने-अपने दायरे में 

वह निभा ना सके हम भुला ना सके

Wednesday, March 26, 2025

तुम होते

 


में हूं दिल है तन्हाई है

तुम भी होते तो अच्छा होता

मै अश्क़ हूँ मेरी आँख तुम हो... मै दिल हूँ मेरी धडकन तुम हो... मै जिस्म हूँ मेरी रूह तुम हो... मै जिंदा हूँ मेरी ज़िन्दगी तुम हो... मै साया ...