Saturday, July 8, 2017

Ek Sham Tere Naam !!


ना सितारों की जगमाहट 
ना चाँद की चाँदनी 
शबनमी आलम में दूर तक बस मोहब्बत की ख़ामोशी 
और उसमे झिलमिलाती तुम्हारे प्यार की रोशनी 
यादों की महक और मोहब्बत के एहसास जगा जाती है 
फिर से होने लगा है इस दिल को तुम्हारा इंतज़ार 
यह लम्हा बस मेरी यादों में ही आ जाओ 
मेरी शाम को फिर रोशन कर दो !!

कब तक

  मैं नहीं जानता इस दुनिया में कब तक हूं, लेकिन जब तक हूं "मन" सिर्फ तेरा हूं!!