Monday, September 26, 2016

मेरी आँखों मे





लफ्ज़ो मे क्या तारीफ करू आपकी,
आप लफ्ज़ो मे कैसे समा पाओगे,
जब लोग हमारे प्यार के बारे मे पूछेंगे,
मेरी आँखों मे ए "रस्क"  सिर्फ तुम नज़र आओगे…

जाने क्यों प्यार उसी से होता है…




जाने क्यों इस जहाँ मे ऎसा होता है,
खुशी जिसे मिले वही रोता है,
उम्र भर साथ निभा ना सके जो,
"रस्क" जाने क्यों प्यार उसी से होता है…

Monday, September 12, 2016

मुलाकाते





बड़ी अजीब मुलाकाते थी हमारी,
"रस्क" वो मतलब से मिला करते थे,
और हमे मिलने से मतलब था 

Saturday, September 10, 2016

बस मुस्कुरा के देख..



लफ़्जों के इत्तेफाक में...
 युँ बदलाव करके देख...
 तु देखकर ना मुस्कुरा...
बस मुस्कुरा के देख...

Thursday, September 1, 2016

तु बता जिंदगी की वो है, के नहीं !!



वो बात बात पर देता है परिंदो की मिसाल ,
साफ़ साफ नहीं कहता मेरा शहर ही छोड़ दो,
तु बता "रस्क" की, वो है के  नहीं!

अब उसे रोज़ न सोचू तो बदन टूटता है ,
उम्र गुज़री है उस की याद का नशा करते करते ,
तु बता "रस्क" की, वो है के  नहीं!

हम अपनी रूह तेरे जिस्म में ही छोड़ आये थे ,
उसे गले से लगाना तो एक बहाना था ,
तु बता "रस्क" की, वो है के  नहीं!

कब तक

  मैं नहीं जानता इस दुनिया में कब तक हूं, लेकिन जब तक हूं "मन" सिर्फ तेरा हूं!!