Saturday, September 10, 2016

बस मुस्कुरा के देख..



लफ़्जों के इत्तेफाक में...
 युँ बदलाव करके देख...
 तु देखकर ना मुस्कुरा...
बस मुस्कुरा के देख...

No comments:

Post a Comment

Tu bhi nahi

 गलतियों से जुदा तू भी नहीं, मैं भी नहीं। दोनों इंसान हैं , खुदा तू भी नहीं,मैं भी नहीं...... गलतफहमियों ने कर दी दोनों में पैदा दूरियां  वर...