Sunday, July 31, 2016

jajbaat


कभी हम टूटे तो कभी ख्वाब टूटे,
न जाने कितने टुकड़े में अरमान टूटे !!
हर टुकड़ा  आइना है ज़िन्दगी का "रस्क" ,
हर आईने के साथ लाखों जज़्बात टूटे !!

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