Tuesday, August 2, 2016

wahi tak


सफर वही  तक है,
जहाँ तक तुम हो !

नज़र वही तक है ,
जहाँ तक तुम हो !

 हज़ारो फूल दिखे है,
इस गुलशन में , मगर 

"रस्क" खुश्बू वही तक है,
जहा तक तुम हो !!

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