Friday, March 21, 2025

Ahsas

 

तेरे उभरो से उभर ही नहीं पाते

तेरी गहराइयों का मंजर कैसे देखे

मेरी हसरते दम  तोड़ ही देती है
इन गहराइयों के नापते नापते

ओर एक जुनून तेरे लबों को चूमने के लिए
मुझे जिंदा कर ही देता है हर दफा

ओर इन सांसों की धड़कन जीने नहीं देती
ओर तेरे बदन की महक मरने नहीं दे

हर दफा में फिसल जाता हु मैं
इन भीगी गीली राहों में

ओर तू संभाल लेती है मुझे
इस  गहरे काले घने जंगल में खोने से

तब मुझे भी यकीन होता है 
अब कोई रोक नहीं पाएगा
"मन" मुझे तेरा होने से

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कब तक

  मैं नहीं जानता इस दुनिया में कब तक हूं, लेकिन जब तक हूं "मन" सिर्फ तेरा हूं!!