Sunday, March 23, 2025

Badan



 पूरे बदन की महक में खोना 

अंधेरे में खामोशी से एक शोर का बढ़ जाना

मोहब्बत का हक था तो हमने हक अदा किया "मन"

No comments:

Post a Comment

कब तक

  मैं नहीं जानता इस दुनिया में कब तक हूं, लेकिन जब तक हूं "मन" सिर्फ तेरा हूं!!