साँसों की हरारत से चुम लिया ,
लबों की गर्माहट से चुम लिया !
मिला कर नज़रो को नज़रो से उसने ,
शर्म को शरारत से चुम लिया !
ले कर मुझ को अपनी बाँहों में,
एहसासो की शिद्दत से लिया !
छूने से उनके यूँ लगा जैसे ,
जिंदगी को क़यामत से चुम लिया !
बे खुद कर के इन नज़दीकियों ने ,
हर दर्द को राहत से चुम लिया !
मुकम्मल गया जहां मेरा ,
ख़्वाब को हक़ीक़त से चुम लिया !
"रस्क" मुझ को अपना बना कर उसने मेरी,
मुहब्बत को इबादत से चुम लिया !!
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