Monday, September 28, 2015

KITAB


नज़र में उत्तर जाते है गुलाब आहिस्ता आहिस्ता,
 मोहब्बत हो रही है बे- हिज़ाब आहिस्ता आहिस्ता!

":रस्क"  सुना है वो किताब में हमारा नाम लिखते है, 
तभी तो वो भी पढ़ते है किताब आहिस्ता आहिस्ता ! 

दिलो में दूरिया हो तो मोहब्बत और बढ़ती है ,
समझ आएगा उनको ये हिजाब आहिस्ता आहिस्ता!!

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