Thursday, January 11, 2024

Be hisab

 पिऊंगा में बे हिसाब ला दे ,

ऐ शाकिया तू शराब ला दे !

हो जिसकी रंगत गुलाब जैसी ,

कही से ऐसा शबाब ला दे !

सनम की सूरत हो हर सफे पर ,

मेरे लिए वो किताब ला दे !

नाम उसके ख़त लिख रहा  हूँ ,

मैं नामवर हूँ जवाब ला दे !

अभी तो बिठा हूँ मयकदा ,

ज़माने भर की आजब ला दे !!

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