Wednesday, January 10, 2024

Gujar Gai

 आधी रात गुजर गई ,

जाने नींद कहा गई !

हम साहिल पे बैठे रहे ,

दुनिया पार उत्तर गई !

जाने कितने फूल जले ,

घर घर राख बिखर गई !

सारा पानी सुख गया,

अपनी नाव जिधर गई !!

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