मत पूछ उसके प्यार करने का अंदाज़ कैसा था ?
उसने दिन रात मुझ को सताया इतना की. . . . .
नफरत भी हो गयी
और
मोहब्बत भी हो गयी
उसने इस नज़ाकत से मेरे होंठो को चूमा की
रोज़ा भी न टुटा
और अफ्तारी भी हो गयी !
उसने इस एहतराम से मुझसे मोहब्बत की
के गुनाह भी न हुआ
और
इबादत भी हो गयी
मत पूछ उसके प्यार करने का अंदाज़ कैसा था ?
"रस्क" उसने इस शिद्दत से सीने से लगाया की
मौत भी न हुयी
और
जन्नत भी मिल गयी !!
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