Tuesday, August 4, 2015

Adawat ....


न कोई शिकायत है न कोई अदावत है !
दिल तोड़ने वाले  हमें क्यू तुझसे मोह्हबत है !!

दिल दिया तो दिया हमने  तुझे,  उम्र भर के लिए !
चीज वापिस मांगने की हमें कहाँ आदत है !!
दिल तोड़ने वाले  हमें क्यू तुझसे मोह्हबत है !!!

समझेगा निगाहो को कैसे इस हुस्न की कोई !
देखो तो इनायत है बदले तो कयामत है !! 
दिल तोड़ने वाले  हमें क्यू तुझसे मोह्हबत है !!!

कौन क्या है "रस्क" ये खबर ज़माने की हमें भी है !
पर चुप है इस कदर,  ये अपनी शराफत !!
दिल तोड़ने वाले  हमें क्यू तुझसे मोह्हबत है !!!

1 comment:

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