मेरा अपना तजुर्बा है तुम्हे बतला रहा हूँ !
कोई लब छू गया था तब, अब तक गा रहा हूँ !!
फ़िराक ऐ यार में कैसे जिया जाए बिना तड़फे !
बिछड़ के तुमसे अब कैसे जिया जाए बिना तड़फे !!
जो में खुद ही नहीं समझा वो ही समझा रहा हूँ तुम्हे !!!
किस पत्थर में मूरत है कोई पत्थर की मरता है!
लो हमने देख ली दुनिया , जो इतनी खूबसूरत है !!
जमाना अपनी समझे पर मुझे अपनी खबर ये है !!
"रस्क " तुझे मेरी जरुरत है, मुझे तेरी जरुरत है !!
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