Monday, August 31, 2015

Mere Sath Na chal


तू मेरे साथ ना चल ऐ मेरी रूह ऐ ग़ज़ल ,
लोग बदनाम न करदे तू इरादो को बदल !

मैंने माना की बहुत प्यार किया है तूने ,
साथ ही जीने का इकरार किया है तूने !
मानले बात मेरी देख तू इस राह न चल!!

तू मेरे साथ ना चल ऐ मेरी रूह ऐ ग़ज़ल ,
लोग बदनाम न करदे तू इरादो को बदल !

साथ देखेगे तो फिर लोग कहेंगे क्या क्या ,
सोच ले सोच ले इल्ज़ाम घेरेंगे क्या क्या !
ऐ मेरी पर्दानशीं  देख, ना परदे से निकल !!

तू मेरे साथ ना चल ऐ मेरी रूह ऐ ग़ज़ल ,
लोग बदनाम न करदे तू इरादो को बदल !

अपनी उल्फत पे कभी आंच न आ जाये कहीं ,
तेरी रुसवाई हो  ये बात गवारा ही नहीं !
देख नादाँ न बन होश में आ यु न मचल !!

तू मेरे साथ ना चल ऐ मेरी रूह ऐ ग़ज़ल ,
लोग बदनाम न करदे तू इरादो को बदल !

No comments:

Post a Comment

Tu bhi nahi

 गलतियों से जुदा तू भी नहीं, मैं भी नहीं। दोनों इंसान हैं , खुदा तू भी नहीं,मैं भी नहीं...... गलतफहमियों ने कर दी दोनों में पैदा दूरियां  वर...