बहुत खूबसूरत हो तुम
कभी जो मैं कह दूं कि मोहब्बत है तुमसे
मुझे गलत मत समझना क्योंकि मेरी जरूरत हो तुम
नजर से जमाने की खुद को बचाना
किसी और से दिल मत लगाना कि तुम मेरी अमानत हो
बहुत खूबसूरत हो तुम
बिखरो जो तुम जुल्फे तो शरमाए है बादल,
फरिश्ते भी देखे तो हो जाए पागल,
ऐसी पाकीज़ा मूरत हो तुम,
जो लम्हा ही लम्हों में दुनिया बदल दे,
जो शायर को दे जाए पहलू गजल के,
बहुत खूबसूरत हो तुम
छुपाना चाहे तो छुपाई ना जाए
भूलाना चाहे तो भुलाई ना जाए
वह पहली मोहब्बत हो तुम
बहुत खूबसूरत हो तुम
No comments:
Post a Comment