" रस्क " एक मीठी सी शिकायत
सुना है वफ़ा के मौसम,
अम्बर से बनकर आते है,
बेवफाओं के जन्म दिन भी,
नवम्बर में आते है!
दो नावों पर पाँव पसारे, ऐसे कैसे? वो भी प्यारा हम भी प्यारे, ऐसे कैसे? सूरज बोला बिन मेरे दुनिया अंधी है हँसकर बोले चाँद-सितारे, “ऐसे कैसे...
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