ठंडी हवा के झोंके चलते है हल्के हल्के,
ऐसे में दिल ना तोड़ो वादे ना करो कल के,
चलते है वो भी हमसे तेवर बदल बदल के
जिनको हमने चलना सिखाया सम्भल सम्भल के,
शाकी ने मुझको आज ऐसी नज़र से देखा,
मोसम हुआ गुलाबी, रंगीन जाम छलके,
बिस्तर के सिलवटों से महसूस हो रहा है,
किसी ने दम तोड़ा है करवट बदल बदल के!
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