" रस्क " एक मीठी सी शिकायत
मैं तुझे दिखूँ, न दिखूँ"...
मुझे अपने अहसासों में महसूस करना तुम...
मैं तुझे लिखूँ न लिखूँ"...
मुझे शब्दों में ही पढ़ लेना तुम...
नजदीक हूं तेरे दिल के इतना,
अपनी धड़कनों में मेरी धड़कनों को सुन लेना तुम...
दो नावों पर पाँव पसारे, ऐसे कैसे? वो भी प्यारा हम भी प्यारे, ऐसे कैसे? सूरज बोला बिन मेरे दुनिया अंधी है हँसकर बोले चाँद-सितारे, “ऐसे कैसे...
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