ना उठा तू नजर किसी गैर की तरफ
ना मैं किसी औरत को अपनी आंखों से देखू,
एक भी नहीं तेरे बराबर का,
तुझे मिलकर अजूबे में सातों देखूं,
तेरा रूठना तेरा मानना तेरे गुस्से का सामना,
तेरी सूरत भोली मैं बांधू हूं तेरी चोली,
तेरे माथे को चुमु, तेरी जांघों को सहलाऊ,
तेरे उतारू अगर कपड़े,तेरे को मैं ही पहनाऊं,
तुझे प्यार में मैं दूं दर्द तेरे में नखरे उठाऊ,
तेरे टूटे हुए बालों के में कतरे उठाऊ,
कभी तुझे पूजु खुद सा, कभी तुझे गले लगाऊं,
कभी आहिस्ता आहिस्ता तो कभी रफ्तार बढ़ाऊं,
कभी तेरे सीने की चोटियों पर अपने दांत गड़ाऊ,
दुनिया वालों के सामने इज्जत बिस्तर पर कैसे करते हैं,
आ प्यार करके दिखा
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