" रस्क " एक मीठी सी शिकायत
ये खुश्बू है जानी पहचानी सी, जो आ रही है मेरे इर्द गिर्द, तेरे बदन से लिपटे कपड़ो की, जो तुम बिखेर गयी थी , मेरे कमरे में इधर उधर, सोफे पर म...
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