हमें रात भर जगने की आदत हो गई है,
लगता है हमें भी तुमसे मोहब्बत हो गई है...!!!
तेरा नाम सुनकर ये दिल मेरा नहीं रहता,
इसे भी तुझसे इस क़दर उल्फत हो गई है...!!!
उफ़! ये मोहब्बत हैं या कोई जादू का नशा ,
बस तेरा ही ज़िक्र करने की आदत हो गई है....!!!
दो नावों पर पाँव पसारे, ऐसे कैसे? वो भी प्यारा हम भी प्यारे, ऐसे कैसे? सूरज बोला बिन मेरे दुनिया अंधी है हँसकर बोले चाँद-सितारे, “ऐसे कैसे...
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