पिऊंगा में बे हिसाब ला दे ,
ऐ शाकिया तू शराब ला दे !
हो जिसकी रंगत गुलाब जैसी ,
कही से ऐसा शबाब ला दे !
सनम की सूरत हो हर सफे पर ,
मेरे लिए वो किताब ला दे !
नाम उसके ख़त लिख रहा हूँ ,
मैं नामवर हूँ जवाब ला दे !
अभी तो बिठा हूँ मयकदा ,
ज़माने भर की आजब ला दे !!
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