आधी रात गुजर गई ,
जाने नींद कहा गई !
हम साहिल पे बैठे रहे ,
दुनिया पार उत्तर गई !
जाने कितने फूल जले ,
घर घर राख बिखर गई !
सारा पानी सुख गया,
अपनी नाव जिधर गई !!
गलतियों से जुदा तू भी नहीं, मैं भी नहीं। दोनों इंसान हैं , खुदा तू भी नहीं,मैं भी नहीं...... गलतफहमियों ने कर दी दोनों में पैदा दूरियां वर...
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