देख लेला तेरे मजनू का कलेजा क्या है ,
खाक में मिलके भी कहता है ,बिगड़ा क्या है !
हम ना समझे तुम्हारी नजरो का तकाजा,
कभी पर्दा ,कभी जलवा, ये तमाशा क्या है !
सुराही सा ,ये बदन तुम्हारा ,
मेरे सामने लेकर ना आये करो "रस्क"
मैं शराबी हूँ ,शराबी का भरोसा है !
बस प्यासा हूँ, मुझे होठो पे लब रखने दो ,
एक दो घूट से, बोतल का बिगड़ता क्या है !!
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