Tuesday, April 14, 2015

jab kisi se gila


जब किसी से कोई गिला रखना, 
सामने अपने आईना रखना !
यू उजालों से वास्ता रखना, 
शमा के पास ही हवा रखना !!
घर की तामीर चाहे जैसी हो, 
इसमें रोने की कुछ जगह रखना !
मस्जिद हैं नमाज़ियों के लिए ,
अपने घर में कहीं खुद रखना !
"रस्क" मिलना जुलना जहाँ ज़रूरी हो, 
मिलने जुलने का हौसला रखना !!

No comments:

Post a Comment

Tu bhi nahi

 गलतियों से जुदा तू भी नहीं, मैं भी नहीं। दोनों इंसान हैं , खुदा तू भी नहीं,मैं भी नहीं...... गलतफहमियों ने कर दी दोनों में पैदा दूरियां  वर...